
एक गाँव में एक हजार के करीब बस्ती थी जहा से एक फ़कीर का निकलना हुआ
तो गाँव के एक आदमीने फ़कीर से पुछा की
आप लोगो को मंदिर के सबंध में सत्य के सबंध में समजाते हे
कितने ही लोगो को समजाया होगा मगर उस मेसे किसी को सत्य मिला , मोक्ष मिला .....?
फ़कीर ने कहा आप मुझे कल सुबह मिलने आना
वह सुबह फ़कीर से मिले गया । तो फ़कीर ने कहा तु गाँव में जाओ
और गाँव में सभी आदमियों की आकाँक्षा क्या हे वो जान के सूचि बनाकर लेआना
वह आदमी गाँव में गया और सब से पूछा की आपकी क्या इच्छा हे क्या
आकाँक्षा हे किसीने धन माँगा किसी ने पद , ज़मीन जायदाद , ........
वो आदमी सूचि बना कर फ़कीर के पास आया उसने फ़कीर को सूचि बताए
फ़कीर ने कहा इसमे से कोय भी सत्य नहीं चाह्ता तो में उसे नहीं दे सकता
में लोगो को पानी दे सकता हु प्यास नहीं
अगर आपके भीतर प्यास नहीं हे
तो कुवे पर भी हम खड़े हो जाये तो भी
पानी नही दिखेगा पानी उसे दिखाय देगा जो प्यासा हे
आप को क्या चाहीये सूचि में लिखवा दीजीये॥
आप कोभी मिलेगा पर प्यास ( Receptivity ) होनी जरुरी हे ।
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